पटना। सूबे के बहुचर्चित बिहिया उपद्रव कांड व महिला डांसर को निर्वस्त्र करने में कोर्ट ने सभी 20 आरोपितों को दोषी करार दिया है। इनमें पांच आरोपित दंगा महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने व एससी एसटी एक्ट में दोषी पाए गए है। अन्य 15 आरोपितों को उपद्रव व एससी – एसटी एक्ट का दोषी माना गया है। आरा के अपर प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश आरसी द्विवेदी ने यह फैसला सुनाया। 20 नवम्बर को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी। फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में बुधवार को पुरे दिन गहमागहमी बनी रही। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी सत्येन्द्र कुमार सिंह दारा ने बहस की थी। उन्होने बताया कि बुधवार की दोपहर आरोपित कोर्ट में हाजिर हुए। इसके बाद कोर्ट ने सभी 20 आरोपितों को दोषी करार दियार। इनमें किशोरी यादव, विष्णु कुमार, मुमताज अंसारी उर्फ ताज, विनोद कुमार केशरी उर्फ मड़ई केशरी और सिकंदर कुमार को दंगा, महिला को निर्वस्त्र घुमने व एससी एसटी एक्ट में दोषी ठहराया गया। सभी आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया। बाद में पुलिस ने इस मामले में एक को फरार बताते हुए कुल 22 आरोपितों के खिलाफ चार्टशीट दाखिल की थी। इनमें एक आरोपित को नाबालिग पाया गया था और उसका ट्रायल जुवेनाइल कोर्ट में लंबित है।
घटनाक्रम :-
20 अगस्त – भोजपुर जिले के बिहियां में छात्र की हत्या के बाद महिला डांसर को निर्वस्त्र कर घुमाया गया।
24 अगस्त – आरा कोर्ट में पीड़ित महिला का बयान दर्ज
5 सितम्बर – पुलिस ने कोर्ट में 22 आरोपितों के खिलाफ चार्टशीट सौंपी।
13 सितम्बर – आरोपितों के खिलाफ आरा कोर्ट में आरोप का गठन
02 नवम्बर – आरोपितों का बयान आरा कोर्ट में दर्ज किया गया।
28 नवम्बर – आरा कोर्ट ने सभी 20 आरोपितों को दोषी करार दिया।

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